Essay on Taj Mahal | ताजमहल पर निबंध
ताजमहल-Taj Mahal
पूरी दुनिया में सात अजूबे हैं जिनमें से एक ताजमहल (Taj Mahal) भी है। आगरा का ताजमहल भारत की शान और प्रेम का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा बड़ा जिला है, और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। ताजमहल बहुत आकर्षक और प्राकृतिक दृश्य की तरह दिखने वाला एक ऐतिहासिक स्थान है। ताजमहल आगरा, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह बहुत बड़े क्षेत्र एवं सुन्दर स्थान पर स्थित है, जिसके पीछे की तरफ नदी है। ताजमहल सफ़ेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया है, यह पृथ्वी पर स्वर्ग की तरह दिखता है।
ताजमहल पर निबंध-Essay on Taj Mahal
परिचय-Introduction
भारत में हम जब भी आगरा का नाम सुनते हैं सबसे पहले हमारे मन ताज महल का ही नाम आता है। यह आगरा, उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। शाहजहाँ ने अपनी रानी मुमताज महल की याद में वर्ष 1631 ई० में इसे बनवाया था। ताजमहल बहुत खूबसूरती से बनाई गई ऐतिहासिक इमारत है। यह सफ़ेद संगमरमर से बनी हुई है, जो इसे भव्य और चमकदार बनाता है। ताजमहल को दुनिया के 7 अजूबो में से एक माना जाता है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल के मक़बरा के रूप में कराया गया था।
ताजमहल का निर्माण-Construction of Taj Mahal
महान मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेग़म मुमताज महल की याद में उसकी मौत के बाद बनवाया था। यह माना जाता है कि वह अपनी बेग़म को बहुत प्यार करता था और उसकी मौत के बाद बहुत दुखी हो गया था। उसने बिना खाना और पानी के रहना शुरू कर दिया था। उसने अपनी बेग़म की सभी यादों को अपनी नज़रों के सामने रखने का फैसला लिया, तब उसने आगरा के किले के सामने अपने अंदरूनी मोहब्बत की याद में ताजमहल की तामीर करवाई। वह आगरा के किले से रोजाना ताजमहल को देखा करता था और अपनी बीवी को याद करता था। ताजमहल को बनवाने में कई सालों का समय लग गया। यह एक तारीखी यादगार है। ताजमहल शाहजहाँ और मुमताज के मोहब्बत की निशानी है।
ताजमहल के तामीर के लिए दुनिया के सबसे अच्छे कारीगरों को बुलाया गया था। इसके तैयार होने में बहुत सा पैसा और वक्त लगा। यह भी माना जाता है कि बादशाह ने लगभग सौ से भी अधिक डिज़ाइनों इंकार कर दिया था और आखिर में इसे मंज़ूरी दे दी। ताजमहल के चारों कोनों पर चार खूबसूरत और दिलकश मीनारें हैं। उनको बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है और वे थोड़ी सी बाहर की तरफ झुकी हुई हैं। ताकि, मुस्तकबिल (भविष्य) में किसी भी कुदरती आफत में वे ताजमहल की इमारत को महफूज कर सकें।
पर्यटन स्थल-Tourist Place
ताजमहल आगरा में यमुना नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। सफ़ेद संगमरमर से बने ताजमहल की खूबसूरती चाँदनीं रात में सबसे ज्यादा होती है। ताजमहल पूरे चाँद की रात को चाँद के साथ जगमगाता नज़र आता है। इसके बाहर बहुत ऊँचा और खूबसूरत दरवाजा है जो बुलंद दरवाजा के नाम से जाना जाता है। यह दरवाजा बहुत ही खूबसूरत लाल पत्थरों से बना है। झील के पानी में लहराते पत्तों और फटे हुए कमल की खूबसूरती बहुत ही दीदनी (दर्शनीय) है। संगमरमर की सफ़ेद चट्टानों पर बैठ कर यहाँ की मनफर्द सायह (अपूर्व छटा) देखी जा सकती है।
इस ताजमहल के बनवाने में जिस संगमरमर का प्रयोंग किया गया है, वह बहुत ही महंगा है और आगरा में राजा के जरिये कहीं बहार से मँगवाया गया था। ताजमहल की संरचना में बहुत सी कलाकृतियों का समन्वय है, जैसे भारतीय, पस्किस्तानी, इस्लामिंक और तुर्किस। इसे 1983 में उनेस्को के जरिये दुनिया की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल किया गया था। दुनिया के सात अजूबों में भी इसने अपना आला मक़ाम हासिल किया है।
निष्कर्ष-Conclusion
अपनी खूबसूरती और आकृति की वजह से ताजमहल को अजूबा बोला गया था। ताजमहल एक प्यार की निशानी है जिसे शाहजहाँ ने मुमताज के याद में बनवाया था। कहा जाता है कि ताजमहल को बनवाने के लिए संगमरमर का पत्थर राजस्थान से लाया गया था। हर दिन बीस हजार शिल्पी और मजदूर काम करते थे। इसके तामीर में 22 सालों का समय लगा था। उस समय के तीन करोड़ रूपए इसके बनवाने में खर्च किए गये थे। अंदाजा लगाईये आज उतने रुपयों की क़ीमत क्या होगी।
आख़िरी शब्द (Last word)
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ताज महल प्यार की निशानी है।