कंप्यूटर फंडामेंटल

Extranet-एक्सट्रानेट

एक्सट्रानेट-Extranet

 

Extranet एक संगठन के इंट्रानेट का एक हिस्सा है। यह एक संचार नेटवर्क है जो इंटरनेट प्रोटोकॉल (TCP/IP) पर आधारित है।यह अपने व्यापारिक भागीदारों, ग्राहकों और अन्य व्यवसायों को फ़र्म के इंट्रानेट तक नियंत्रित एक्सेस प्रदान करता है।इसलिए यह एक निजी न्तेवोर्क है जो कंपनी के पुरे नेटवर्क तक पहुँच (access) प्रदान किये बिन फ़र्म के बाहर अधिकृत लोगों के साथ एक फ़र्म की आंतरिक जानकारी अरु संचालन को सुरक्षित रूप से शेयर करता है। इस नेटवर्क तक पहुँचने  के लिए उपयोगकर्ताओं के पास आईडी, पासवर्ड और अन्य प्रमाणीकरण तंत्र होना आवश्यक है।

एक्सट्रानेट के लाभ-The benefits of Extranet

  • एक्सट्रानेट कंपनी और उसके व्यापारिक भागीदारों के बीच एकल इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है।
  • ये फर्म की प्रक्रियाओं को स्वचालित करता है जैसे इन्वेंट्री ड्राप होने पर आपूर्तिकर्ताओं के साथ स्वचालित रूप से ऑर्डर देता है।
  • ये ग्राहकों को उनके प्रश्नों और शिकायतों को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करके ग्राहक सेवा में सुधार करता है।
  • यह फ़र्म को कागज-आधारित प्रकाशन प्रक्रियाओं में शामिल हुए बिन व्यापारिक भागीदारों के साथ जानकारी शेयर करने में सक्षम बनाता है।
  • एक्सट्रानेट उन व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है जो प्रकृति में दोहराई जाती हैं, जैसे कि एक विक्रेता से नियमित आधार पर ऑर्डर करना।

एक्सट्रानेट कैसे स्थापित किया जाता है-How is Extranet Established?

यह एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के रूप में स्थापित किया गया है क्योंकि यह बाहरी लोगों को किसी संगठन के इन्ग्रनेट से जोड़ने के लिए इंटरनेट के उपयोग के कारण सुरक्षा ख़तरों से ग्रस्त है। VPN आपको इंटरनेट जैसे सार्वजनिक नेटवर्क में एक सुरक्षित नेटवर्क का आश्वासन दे सकता है। डेटा ट्रान्सफर के लिए ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) और इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) का इस्तेमाल किया जाता है।

VPN इंटरनेट प्रोटोकॉल सिक्यूरिटी आर्किटेक्चर (IPSEC) प्रोटोकॉल के आधार पर सुरक्षित  लेनदेन का आश्वासन देता है क्योंकि यह TCP/IP प्रोटोकॉल को एक अतिरिक्त सुरक्षा परत प्रदान करता है, जिसका उपयोग एक्सट्रानेट में डेटा ट्रान्सफर के लिए किया जाता है। इस परत में, IP पैकेट को एक नया IP पैकेट बनाने के लिए इन्कैप्सुलेट किया जाता है, जैसा कि नीचे दिखाया गया है:

इसके अलावा, इंट्रानेट को अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए, एक संगठन द्वारा निम्नलिखित दो उपाय भी किये जाते हैं:

1. फ़ायरवॉल:

यह अनधिकृत उपयोगकर्ताओं को एक्स्तानेट टी पहुँचाने से रोकता है।

२. पासवर्ड:

यह कंपनी के कर्मचारियों सहित अनधिकृत उपयोगकर्ताओं को इसके सर्वर पर संग्रहीत डेटा तक पहुंचने से रोकता है।

एक्सट्रानेट की सीमाएं-Limitations of Extranet

  • Hosting
  • Security
  • Dependency
  • Less Interaction

होस्टिंग-Hosting:

यदि आप अपने सर्वर पर एक्सट्रानेट पेज होस्ट करते है, तो इसके लिए एक उच्च बैंडविड्थ इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है, जो बहुत महंगा हो सकता है।

सिक्यूरिटी-Security:

यदि आप इसे अपने सर्वर पर होस्ट करते हैं तो आपको अतिरिक्त फ़ायरवॉल सुरक्षा की आवश्यकता है। यह कार्यभार को बढाता है और सुरक्षा तंत्र को बहुत जटिल बनाता है।

निर्भरता-Depedency

यह इंटरनेट पर निर्भर है क्योंक बाहरी लोग इंटरनेट का उपयोग किये बिना जानकारी तक नही पहुँच सकते हैं।

कम बातचीत-Less Interaction:

यह ग्राहकों, व्यापार भागीदारों, विक्रेताओं, आदि के बीच आमने-सामने बातचीत को कम करता है। जिसके परिणामस्वरूप ख़राब संबंध निर्माण होता है।

इंट्रानेट और एक्सट्रानेट के बीच अंतर-Defference between Intranet and Extranet

Mohammad Shahnawaz

I am a part time blogger; I love blogging and share knowledge with others. I have Diploma in 'Post Graduate Diploma in Computer Application (PGDCA) and have 5 years teaching experience in this field. I am from Uttar Pradesh (India) and I am a Passionate blogger. Currently, I'm running 'shahnawazblog.com' blog. I have started this blog in Hindi to help every students to enhance your computer skills and to learn the fastest and easiest way to succeed in the field of computer as well as general knowledge, essay and letter writing etc.

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