Naitikta Par Nibandh | नैतिकता पर निबंध
Essay on Ethics in Hindi | नैतिकता पर निबंध
Naitikta Par Nibandh | नैतिकता पर निबंध (250 शब्द)
Naitikta Par Nibandh-मानव एक सामाजिक प्राणी है और उन्हें समाज में रहने के लिए कुछ सामाजिक मानदंडों का पालन करना पड़ता है। सामाजिक मानदंडों में सत्य, नैतिकता, अहिंसा, परोपकार, नम्रता और सच्चाई जैसे गुण शामिल है। किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता के लिए उनके जीवन में नैतिकता का गुण बहुत महत्वपूर्ण होता है। कहते है की नैतिकता की उत्पत्ति पुरानी है। वैदिक मन्त्रों में भी नैतिकता को विशेष महत्व दिया गया है। नैतिकता मानव के सद्गुणों को प्रदर्शित करती है।
नैतिकता का अंग्रेजी अर्थ है एथिक्स। एथिक्स शब्द प्राचीन ग्रीक शब्द एथोस से लिया गया है। जिसका अर्थ है आदत, प्रथा या चरित्र। किसी व्यक्ति की आदतें और चरित्र उसके द्वारा धारण किए गए नैतिक मूल्यों के बारे में बताते हैं। समाज द्वारा निर्धारित नैतिक मानदंडों के आधार पर हमें बचपन से सिखाया जाता है कि हमारे लिए अच्छा क्या है और बुरा क्या है।
नैतिकता का पहला और महत्वपूर्ण स्रोत हमारा परिवार है। जहां पर दादा-दादी और माता-पिता अपने बच्चों को सही गलत की परख करवाते है। उनके द्वारा बच्चों को एक विशेष धर्म के बारे में समझाया जाता है, जो हमारे जीवन के मूल्यों को मजबूत करता है। इसके अलावा बच्चे स्कूल से भी नैतिकता के पाठ सिखते है। जहाँ नैतिकता द्वारा हमें यह समझाया जाता है की कौन से कार्य हमारे जीवन के लिए करने चाहिए या नहीं करने चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति के पास जीवन जीने के लिए शिष्टाचार और नैतिकता के सिद्धांत होने चाहिए। नैतिकता हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक हैं और हमें जीवन भर इनका पालन करना चाहिए।
Naitikta Par Nibandh | नैतिकता पर निबंध (800 शब्द) |
प्रस्तावना | Introduction
हर इंसान के लिए मूल्यों का अत्यधिक महत्व है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे जीवन और अन्य लोगों के प्रति अपने व्यवहार, स्वभाव और समग्र व्यवहार को निर्धारित करते हैं। हम अपने जीवन में जो निर्णय लेते हैं वे काफी हद तक हमारे मूल्यों पर आधारित होते हैं। जीवन के विकास में नैतिकता वो गुण है, जो हमें सही और गलत का फर्क बताती है। नैतिकता वह शक्ति है, जो इंसान को सही काम करने में मदद करती है। नैतिकता मनुष्य को आदर्श मनुष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। नैतिकता वास्तव में वो सुस्थापित विचारधारा है, जो इंसान को अच्छे काम करने की प्रेरणा देती है। नैतिकता का गुण व्यक्ति को सकारात्मक उर्जा प्रदान करती है।
नैतिकता का अर्थ | Meaning of Morality
नैतिकता अपने आप मे एक बहुत वृहद विषय है। सबके लिए इसके अपने अपने मायने है। नैतिकता को परिभाषित करना हमेशा से मुश्किल रहा है। नैतिकता को अंग्रेजी में एथिक्स कहते है, जो एक प्राचीन ग्रीक शब्द एथोस से लिया गया है। एथोस का अर्थ है आदत, प्रथा या चरित्र। नैतिकता सही और गलत आचरण की अवधारणाओं को संदर्भित करती है। किसी भी समाज की संस्कृति और धर्म पर नैतिकता के विचार आधारित है। एक व्यक्ति के आदत और चरित्र से हमें उसके जीवन के नैतिकता के मूल्य के बारे में पता लगता है। नैतिकता हमें बुद्धि और विवेक की पहचान करवाती है, जो हमें उचित कार्य और अनुचित कार्य के बीच का भेद बताता है। नैतिकता की अवधारणा धर्म,दर्शन और संस्कृतियों से प्राप्त की गई थी।
महत्व | Importance of Ethics
नैतिकता मानव समाज का एक अभिन्न अंग है। हमारे द्वारा लिए गया कोई भी निर्णय हमारे नैतिक मूल्यों पर आधारित है। हमारे दैनिक जीवन में नैतिकता सकारात्मक प्रभाव पैदा करता है। नैतिकता व्यवसाय और निजी जीवन दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। नैतिकता की सहायता से हम ईमानदारी से जीवन जीकर हमारे सम्पर्क में आने वाले लोगों से विश्वास और मित्रता स्थापित करते हैं। नैतिकता सुख की कुंजी है। नैतिकता हमें समझदारी से और बिना किसी डर के निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है।
नैतिक शिक्षा के अंतर्गत शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। नैतिकता हमें एक जिम्मेदार इंसान बनाता है। सार्वजनिक क्षेत्र में निर्णय लेने के लिए नैतिकता बेहद आवश्यक है। नैतिकता की उत्पत्ति पुरानी है। कहते है की नैतिकता की शुरुआत पाषाण युग से हुई थी। सदियों से हमारे कई धर्मों और दार्शनिकों ने नैतिकता में योगदान दिया है। नैतिकता हमें सम्मान और सम्मान के साथ जीवन जीने का मार्ग दिखाता है।
समाज के लिए नैतिकता | Ethics for Society
नैतिकता कोई जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि अस्तित्व और प्रगति के लिए एक बुद्धिमान और सफल मार्गदर्शक है। व्यवसाय के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों और सामाजिक संरचनाओं में नैतिकता आवश्यक है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण आधारशिला है जिस पर एक प्रबुद्ध प्रणाली का निर्माण किया जाता है। कानूनी नियमों का पालन करना और नैतिक होना अक्सर समान नहीं होता है। बाल्यावस्था में पढ़े हुए नैतिकता के पाठ पर ही हम अपना सारा जीवन पूर्ण करते है और अपनी आने वाली पीढ़ी को हस्तांतरित करते है। नैतिकता समाज में बहुत ही अहम् भूमिका है क्योंकि नैतिकता ही समाज सुधार की प्रथम सीढ़ी है। नैतिकता का ही गुण मनुष्य को पशुओं से अलग बनता है। नैतिकता निश्चित रूप से मानवता की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है। माता-पिता शुरू से ही दिशा-निर्देश बनाते हैं, और वे हमारी नैतिकता और नैतिकता की नींव हैं।
वर्तमान समय में नैतिकता | Ethics in the present day
नैतिकता को लेकर वैसे तो हमने हर क्षेत्र में नियमावली तो बना डाली है, लेकिन आज नैतिकता की यह नियमावली किताबों के पन्नों में शुसोभित होकर रह गई है । वर्तमान समय में भ्रष्टाचार के बढ़ने के कारण आज नैतिकता और उनके मूल्यों का पतन हो रहा है। लोगों के जीवन में, सिद्धांत और नैतिकता कम हो गई है और अर्थ खो गया है आज हमारी भारतीय संस्कृति पाश्चात्य संस्कृति से जुड़ रही है, जिसकी वजह से हमारे देश और समाज के नैतिक मूल्यों में भी बदलाव आ रहे है। नैतिक मूल्यों में गिरावट आने के कारण मानवजाति में लगातार संघर्ष और टकराव हो रहे है। भौतिकवाद,शहरीकरण की वजह से संयुक्त परिवार बिखर रहे है। हमारे समाज के नैतिक सिद्धांत समय-समय पर बदलते रहते है। अनैतिक व्यवहार हमेशा घृणा, असफलता और आलोचना की ओर ले जाता है।
निष्कर्ष | Conclusion
अपने बच्चों को एक बेहतर इंसान बनाने के लिए हर माता पिता का यह फ़र्ज़ है की उन्हें बचपन से ही नैतिकता के पाठ सिखाने चाहिए। बिना नैतिकता के हमारे जीवन का मूल्य शून्य हैं । नैतिकता के बिना मानवता की उन्नति संभव नहीं है। समाज के युवाओं में नैतिकता के प्रति व्यापक जागरूकता होनी चाहिए। सरकार और समाज दोनों का नैतिकता और उनके मूल्यों पर प्रभाव पड़ता है। यदि हम एक ऐसी दुनिया को देखना चाहते हैं, जहां सभी इंसान शांति से रह सकते हैं, तो हमें उन मूल्यों और नैतिकता को देखने की जरूरत है। हम सब अपनें जीवन मूल्यों में नैतिकता का समावेश कर अपनें जीवन को सफल बनायें। ख़ुद जियें और दूसरों को भी जीनें दें ।
आख़िरी शब्द (Last word)
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